tag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post2449114860807591233..comments2023-10-30T15:33:34.839+05:30Comments on पुरातत्ववेत्ता: एक पुरातत्ववेत्ता की डायरी-हम्मुराबी शरद कोकासhttp://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-54528070564166924332009-09-15T08:32:45.300+05:302009-09-15T08:32:45.300+05:30अब आप सेवानिवृत्त हो गए हैं इसलिए आवाज़ उठाने की ज...अब आप सेवानिवृत्त हो गए हैं इसलिए आवाज़ उठाने की जिम्मेदारी आप को दी जाती है। पीछे से हल्ला काटने को हम हैं ही :)<br />हम्मूराबी की संहिता का पूरा अनुवाद दे दें ताकि लोगों को पता चले कि लोकतंत्र कितना मूल्यवान है !<br />यह प्रसंग अति रुचिकर रहा।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-67261463546666732092009-09-11T17:45:54.803+05:302009-09-11T17:45:54.803+05:30न्याय कमजोर के साथ नहीं होता। नारी, दास, बालक, पशु...न्याय कमजोर के साथ नहीं होता। नारी, दास, बालक, पशु, गरीब ... सबको देख लिया जाये!<br />पर हम्मूराबी ने कुछ शानदार भी किया होगा आज के पैमाने से?!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-27628795735734111872009-09-11T06:38:14.644+05:302009-09-11T06:38:14.644+05:30बराबर तो बड़ी बात हो गई..वैसे बाजार में आदमी की कम ...बराबर तो बड़ी बात हो गई..वैसे बाजार में आदमी की कम ही है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-14417676622499802512009-09-10T21:08:20.426+05:302009-09-10T21:08:20.426+05:30्कहानी बहुत सुंदर लगी, लेकिन लगता है यह आज की ही ह...्कहानी बहुत सुंदर लगी, लेकिन लगता है यह आज की ही है.... आज के भारत की फ़र्क बस इतना है पहले निशान लगाये जाते थे लाल लाल अब नही.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-54215099444049952212009-09-10T17:40:49.024+05:302009-09-10T17:40:49.024+05:30इस पोस्ट को पढ़ कर रमेश रंजक का गीत याद आ गया। बैल...इस पोस्ट को पढ़ कर रमेश रंजक का गीत याद आ गया। बैल भई रे करतार उमरिया बैल भई! .....दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-43432067697166253502009-09-10T14:14:43.494+05:302009-09-10T14:14:43.494+05:30अजी शरद जी,
अच्छे खासे हम्मूराबी के किस्से से अपन...अजी शरद जी, <br />अच्छे खासे हम्मूराबी के किस्से से अपने देश में आ गए.नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-50107109377247267912009-09-10T13:53:41.925+05:302009-09-10T13:53:41.925+05:30हर युग में गरीब तो शोषण के लिए ही पैदा होते हैं .....हर युग में गरीब तो शोषण के लिए ही पैदा होते हैं .. कोई उनके लिए लडने को तैयार नहीं .. उनकी व्यथा कब समाप्त होगी .. कहना मुश्किल है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-65037745338045737302009-09-10T13:45:19.195+05:302009-09-10T13:45:19.195+05:30शरद जी कुछ दिनों से इतिहास का अध्ययन पीछे छूट रहा ...शरद जी कुछ दिनों से इतिहास का अध्ययन पीछे छूट रहा था..आज कल आपके रोचक पोस्ट पढ़ कर फिर से इतिहास मे रूचि आ गयी.<br />बढ़िया लगती है आपकी पुरातत्व वाली हर बात..<br />बधाई स्वीकारे..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1532469439068129249.post-54048410592049424722009-09-10T13:16:47.286+05:302009-09-10T13:16:47.286+05:30शरद जी, वैसे दुर्भाग्य से सदा से होता तो यही आया ह...शरद जी, वैसे दुर्भाग्य से सदा से होता तो यही आया है।<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com