शनिवार, 23 मई 2009

हिस्ट्री नेवर रीपीट्स इटसेल्फ़


इतिहास अपने आप को नहीं दोहराता
पता नहीं क्यों समाज में एक अवधारणा पनप गई है कि इतिहास की पुनरावृति होती हैयह अंग्रेजी के वाक्य history repeats itself का जस का तस अनुवाद हैहम इन्हे जीवन में बहुत छोटी छोटी जगहों पर लागू करते हैं जैसे यदि बाप अपने छात्र जीवन में किसी कक्षा में फेल हुआ हो और उसका बेटा भी फेल हो जाये तो कहा जायेगा history repeats itself यदि बाप शराबी हो और उसका बेटा उससे भी बढकर शराबी निकले तो यही कहा जायेगा,यदि किसी पीढी में कोई दुर्घटना हो जो अगली पीढ़ी मे भी घटित हो तब भीअक्सर गलत जगहों पर हम यह वाक्य कोट करते हैं परंतु ऐसा नहीं है.यदि इतिहास मे कुछ गलत हुआ है तो ज़रूरी नहीं कि भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति हो उदाहरण के तौर पर मुहम्मद-बिन-तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद रिवर्तित की जिसकी वज़ह से सैकडों लोग बेघर,बीमार व परेशान हुए और अंतत उसे वापस राजधानी दिल्ली लाना पडा। इसी पराक्रम की वज़ह से उसे विक्षिप्त की उपाधी मिलीलेकिन इसके विपरीत बहुत सारे सकारात्मक राजधानी परिवर्तन हुए जैसे कलकत्ता से दिल्ली, बर्लिन से बॉन और वर्तमान मे नये प्रदेशों की राजधानियाँदरअसल इतिहास में जो कुछ भी घटित हो चुका है वह बीता हुआ पल है जो दोबारा नहीं आता और आता भी है तो उसी रूप मे कतई नहींजैसे हम हर बार साँस लेते हैं लेकिन एक बार छोडी हुई साँस में जो वायु होती है क्या वह अगली साँस मे उसी रूप में वापस आती है?नदी में जो जल एक बार बह जाता है क्या वह उसी रूप में वापस आता है?यह तो समय की बात है रिसायकल होकर कोई भौतिक वस्तु भी उसी रूप में वापस नही आतीइसलिये जो बीत गया है उससे सबक लेने की ज़रूरत है ताकि हम भविष्य में गलती न करें हमारे पिता ने या उनके पिता ने अपने बच्चों के लिये जो कुछ किया क्या हम उससे बेहतर नही करना चाहते?यही है इतिहास से सबक लेना जो लोग इतिहास से सबक नहीं लेते वे पुरोगामी होने के बजाय और भी पीछे चले जाते हैं फिर सबक लेना ही काफी नही है गलत सबक लेने से भी बचना ज़रूरी हैसही सबक क्या है और गलत सबक क्या इसका निर्धारण आपका विवेक और इतिहासबोध ही कर सकता हैवैसे हीगेल का कथन है किइतिहास की सबसे बडी सीख यही है कि इतिहास से कोई सीख नही लेताहीगेल ने उसके देश जर्मनी ने और उसके अनुयायियों ने इतिहास से कोई सीख नही ली उसका क्या हश्र हुआ आप जानते हैंहमारे देश में भी बहुसंख्य लोग इतिहास से कोई सबक नहीं लेते लेकिन इतिहास सिर्फ उन्हे याद रखता है जो उससे सही सबक लेकर कुछ नया रचते हैं,कुछ नया सृजन करते हैं,वे ही नवनिर्माण करते हैआप भी इतिहास बोध से लैस होकर उनमें शामिल हो सकते हैं
शरद कोकास

1 टिप्पणी:

  1. इतिहास की सबसे बडी सीख यही है कि इतिहास से कोई सीख नही लेता

    --कितना सही कहा गया है...


    इतिहास सिर्फ उन्हे याद रखता है जो उससे सही सबक लेकर कुछ नया रचते हैं,कुछ नया सृजन करते हैं,वे ही नवनिर्माण करते है

    ---काश!! सब समझ जायें.


    --अच्छा आलेख.

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